लखनऊ: कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोगों को इससे जुड़े दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि यह वायरस इंसान के फेफड़ों के साथ किडनी, लिवर, हार्ट और धमनियों को भी प्रभावित कर रहा है. अधिकतर लोगों को कोविड संक्रमण से उबरने के बाद कमजोरी का अहसास हो रहा है. कुछ लोग ब्लैक फंगस का शिकार भी हो रहे हैं. क्योंकि कोरोना संक्रमण शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर देता है.उत्तर प्रदेश सरकार ने पोस्ट कोविड रिकवरी को लेकर एक अहम फैसला लिया है. इसके तहत कोरोना संक्रमण से उबरने वाले लोगों को यदि रिकवरी के दौरान कोई समस्या आती है तो सरकारी अस्पतालों में ऐसे लोगों का इलाज मुफ्त होगा. मुख्यमंत्री ने कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए बनी टीम-9 से कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिन लोगों को अन्य बीमारियां हो रही हैं, उनके लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती करने की व्यवस्था हो.
जानिए ब्लैक फंगस के लक्षण क्या हैं
उत्तर प्रदेश पोस्ट कोविड मरीजों का मुफ्त इलाज करने का फैसला लेने वाला देश का पहला राज्य है. आपको बता दें कि ज्यादातर राज्यों में कोरोना संक्रमण को मात देने वाले मरीजों में सबसे बड़ी समस्या ब्लैक फंगस की आ रही है. इसे मेडिकल की भाषा में म्यूकरमाइकोसिस बीमारी कहते हैं. कोरोना से उबरने वाले लोगों को यदि आंख, नाक के पास लालिमा, चेहरे पर एकतरफा सूजन, बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव इत्यादि लक्षण महसूस होते हैं तो उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए.
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए क्या करें
ब्लैक फंगस उन लोगों में अधिक है, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या इम्यून सिस्टम बहुम कमजोर होता है. शुगर को कंट्रोल में रखें. डिस्चार्ज होने के बाद ब्लड शुगर जांचते रहें. स्टेरॉयड्स को लेकर डॉक्टरों की सलाह लें. ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ पानी ही लें. एंटीबायोटिक्स, एंटी फंगल दवा सावधानी से लें. एन-95 मास्क ही उपयोग करें. नाक जरूर ढकें. जितना हो सके धूल वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. मिट्टी और धूल के संपर्क में आने से बचें.